mai thak gya hoo
कोई नहीं है, किसे बताऊँ, मैं थक गया हूँ
मैं थक गया हूँ
बस अपनी ऑंखों से उसके चेहरे तलक गया हूँ !
मैं थक गया हूँ
ये मेरी पहली वफ़ा नहीं है, तुम्हारे मिलने से पेश्तर भी
कई हसीनों की झॉंझरों में छनक गया हूँ
मैं थक गया हूँ
मुझे तो ख़ुद भी ख़बर नहीं है, तुझे बताऊँ मैं क्या मेरी जॉं
मैं किसकी सूली पे किसकी ख़ातिर लटक गया हूँ...!!
मैं थक गया हूँ.
Poet -
Unknown
Location: NA
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