तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो
ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ इन निगाहों में
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो
मैं देखूँ तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है
कोई दिन के लिए अपनी निगहबानी मुझे दे दो
वो दिल जो मैं ने माँगा था मगर ग़ैरों ने पाया है
बड़ी शय है अगर उस की पशेमानी मुझे दे दो
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tum apanaa ra.nj-o-Gam, apani pareshaan mujhe de do
tumhe.n gham kii qasam, is dil kI virAni mujhe de do
ye maanaa mai.n kisii qaabil nahii.n huu.N in nigaaho.n me.n
buraa kyaa hai agar, ye dukh ye hairaani mujhe de do
mai.n dekhuu.n to sahii, duniyaa tumhe.n kaise sataati hai
koi din ke liye, apni nigahabaani mujhe de do
vo dil jo maine maa.ngaa thaa magar gairo.n ne paayaa
ba.Dk shai hai agar, usaki pashemaani mujhe de do