Sahir Ludhianvi Poetry

ye mahalo ye takto ye tajo ki duniya


ye mahalo ye takto ye tajo ki duniya
ये महलों ये तख्तों ये ताजों की दुनिया 
ये इन्सां के दुश्मन समाजों की दुनिया 
ये महलों ये तख्तों ये ताजों की दुनिया 
ये इन्सां के दुश्मन समाजों की दुनिया 
ये दौलत के भूखे रवाजों की दुनिया 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है 

हर एक जिस्म घायल हर एक रूह प्यासी 
निगाहों में उलझन दिलों में उदासी 
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

जहाँ एक खिलौना है इन्सां की हस्ती 
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती 
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

जवानी भटकती है बदकार बन कर 
जवाँ जिस्म सजते हैं बाज़ार बन कर 
जहाँ प्यार होता है व्यौपार बन कर 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नहीं है,
वफ़ा कुछ नहीं दोस्ती कुछ नहीं है 
ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नहीं है,
वफ़ा कुछ नहीं दोस्ती कुछ नहीं है 
जहाँ प्यार की क़द्र ही कुछ नहीं है 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है


जला दो इसे फूँक डालो ये दुनिया 
जला दो जला दो 
जला दो इसे फूँक डालो ये दुनिया 
मेरे सामने से हटा लो ये दुनिया 
तुम्हारी है तुम ही सम्भालो ये दुनिया 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है 

--------------------------------------------

ye mahalo, ye takto, ye tajo ki duniya
ye inasa ke dushman samajo ki duniya
ye mahalo, ye takto, ye tajo ki duniya
ye inasa ke dushman samaajo ki duniya
ye daulat ke bhukhe rivaazo ki duniya
ye duniya agar mil bhi jaaye to kya hai
ye duniya agar mil bhi jaaye to kya hai
har ek jism ghaayal, har ek ruh pyaasi
nigaaho me ulajhan, dilo mein udaasi
ye duniya hai yaa aalam-e-badahavaasi
ye duniya agar mil bhi jaye to lya hai

jahaa ek khilaunaa hai inasaa ki hasti
ye basti hai murdaa-parasto ki basti
jahaa aur jivan se hai maut sasti
ye duniya agar mil bhi jaye to kya hai
jawani bhatkati hai bejaar banakar
jawa jism sajte hai bajar banakar
jaha pyar hota hai vyapar banakar
ye duniya agar mil bhi jaye to lya hai

ye duniya jaha aadami kuch nahi hai
wafa kuch nahi, dosti kuch nahi hai
ye duniya jaha aadami kuch nahi hai
wafa kuch nahi, dosti kuch nahi hai
jaha pyar ki kadar hi kuch nahi hai
ye duniya agar mil bhi jaye to kya hai
jala do, jala do ise funk dalo ye duniya
mere samne se hata lo ye duniya
tumhari hai tum hi sambhalo ye duniya
ye duniya agar mil bhi jaye to lya hai

Poet - Sahir Ludhianvi
Location: Ludhiana, India
Views: 149