ye haadsaa to kisi din gujarne wala hi tha.. byRahat Indori August 14, 2023 ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला थामैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला थातेरे सलूक तेरी आगही की उम्र दराज़मेरे अज़ीज़ मेरा ज़ख़्म भरने वाला थाबुलंदियों का नशा टूट कर बिखरने लगामेरा जहाज़ ज़मीन पर उतरने वाला थामेरा नसीब मेरे हाथ काट गए वर्नामैं तेरी माँग में सिंदूर भरने वाला थामेरे चिराग मेरी शब मेरी मुंडेरें हैंमैं कब शरीर हवाओं से डरने वाला था Read more rahat indori urdu poetry bollywood poet
Bulati hai magar jane ka nai.. byRahat Indori August 11, 2023 बुलाती है मगर जाने का नहीं ये दुनिया है इधर जाने का नहींमेरे बेटे किसी से इश्क़ करमगर हद से गुज़र जाने का नहींसितारे नोच कर ले जाऊंगामैं खाली हाथ घर जाने का नहींवबा फैली हुई है हर तरफअभी माहौल मर जाने का नहींवो गर्दन नापता है नाप लेमगर जालिम से डर जाने का नहीं-------------------------------Bulati Hai Magar Jaane Ka NaiYe Duniya Hai Idhar Jaane Ka NaiMere Bete Kisi Se Ishq KarMagar Had Se Gujar Jaane Ka NaiSitare Noch Kar Le JaaungaMein Khali Haath Ghar Jaane Waala NaiWaba Faili Hui Hai Har TarafAbhi Maahaul Mar Jaane Ka NaiWo Gardan Naapta Hai, Naap LeMagar Zaalim Se Dar Jaane Ka Nai Read more bulati hai magar rahat indori urdu poetry bollywood poet
uski kathai aankho me hai jantar-mantar sab.. byRahat Indori August 11, 2023 उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर मंतर सब चाक़ू-वाक़ू, छुरियां-वुरियां, ख़ंजर-वंजर सबजिस दिन से तुम रूठीं, मुझ से, रूठे रूठे हैंचादर-वादर, तकिया-वकिया, बिस्तर-विस्तर सबमुझसे बिछड़ कर, वह भी कहां अब पहले जैसी हैफीके पड़ गए कपड़े-वपड़े, ज़ेवर-वेवर सबजाने मैं किस दिन डूबूँगा, फिक्रें करते हैंदरिया-वरीया, कश्ती-वस्ती, लंगर-वंगर सबइश्क़-विश्क़ के सारे नुस्खे, मुझसे सीखते हैंताहिर-वाहिर, मंज़र-वंजर, जोहर-वोहर सबतुलसी ने जो लिखा अब कुछ बदला बदला हैंरावण-वावण, लंका-वंका, बन्दर-वंदर सब-----------------------------uski kathai aankho me hai jantar-mantar sabchaaku-waaku,chhuri-wuri,khanjar-wanjar sabjis din se tum ruthi,mujhse ruthe hainchaadar-waadar,takiya-wakiya,bistar-wistar sabmujhse bichhar ke wo kahaa pahle jaisi haidhile par gaye kapde-wapre,zewar-webar sabjane mai kis din dooboonga,fikrein karte hain,dariya-variya kashti-vashti,langar-vangar sabishq vishq ke sare nuskhe muhse sikhte hein,sagar vagar manzar vanzar johar vohar sab.tulsi ne jo likha ab kuch badla-badla hai,ravan-vavan,lanka-vanka,bandar-vandar sab Read more uski kathai ankho me rahat indori urdu poetry bollywood poet