zindagi ko na bana len vo saza mere baad
hausla dena unhen mere ḳhuda mere baad
kaun ghunghat ko uThaega sitamgar kah ke
aur phir kis se karenge vo haya mere baad
phir mohabbat ki zamane men na pursish hogi
roegi siskiyan le le ke vafa mere baad
haath uThte hue un ke na koi dekhega
kis ke aane ki karenge vo dua mere baad
kis qadar gham hai unhen mujh se bichhaḌ jaane ka
ho gae vo bhi zamane se juda mere baad
vo jo kahta tha ki 'nāsir' ke liye jiita huun
us ka kya janiye kya haal hua mere baad
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ज़िंदगी को न बना लें वो सज़ा मेरे बाद
हौसला देना उन्हें मेरे ख़ुदा मेरे बाद
कौन घूँघट को उठाएगा सितमगर कह के
और फिर किस से करेंगे वो हया मेरे बाद
फिर मोहब्बत की ज़माने में न पुरसिश होगी
रोएगी सिसकियाँ ले ले के वफ़ा मेरे बाद
हाथ उठते हुए उनके न कोई देखेगा
किसके आने की करेंगे वो दुआ मेरे बाद
किस क़दर ग़म है उन्हें मुझसे बिछड़ जाने का
हो गए वो भी ज़माने से जुदा मेरे बाद
वो जो कहता था कि 'नासिर' के लिए जीता हूँ
उसका क्या जानिए क्या हाल हुआ मेरे बाद