uski kathai aankho me hai jantar-mantar sab.. byRahat Indori August 11, 2023 उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर मंतर सब चाक़ू-वाक़ू, छुरियां-वुरियां, ख़ंजर-वंजर सबजिस दिन से तुम रूठीं, मुझ से, रूठे रूठे हैंचादर-वादर, तकिया-वकिया, बिस्तर-विस्तर सबमुझसे बिछड़ कर, वह भी कहां अब पहले जैसी हैफीके पड़ गए कपड़े-वपड़े, ज़ेवर-वेवर सबजाने मैं किस दिन डूबूँगा, फिक्रें करते हैंदरिया-वरीया, कश्ती-वस्ती, लंगर-वंगर सबइश्क़-विश्क़ के सारे नुस्खे, मुझसे सीखते हैंताहिर-वाहिर, मंज़र-वंजर, जोहर-वोहर सबतुलसी ने जो लिखा अब कुछ बदला बदला हैंरावण-वावण, लंका-वंका, बन्दर-वंदर सब-----------------------------uski kathai aankho me hai jantar-mantar sabchaaku-waaku,chhuri-wuri,khanjar-wanjar sabjis din se tum ruthi,mujhse ruthe hainchaadar-waadar,takiya-wakiya,bistar-wistar sabmujhse bichhar ke wo kahaa pahle jaisi haidhile par gaye kapde-wapre,zewar-webar sabjane mai kis din dooboonga,fikrein karte hain,dariya-variya kashti-vashti,langar-vangar sabishq vishq ke sare nuskhe muhse sikhte hein,sagar vagar manzar vanzar johar vohar sab.tulsi ne jo likha ab kuch badla-badla hai,ravan-vavan,lanka-vanka,bandar-vandar sab Read more uski kathai ankho me rahat indori urdu poetry bollywood poet