phone to dur waha khat bhi nahi pahuchenge.. byZia Mazkoor August 12, 2023 फ़ोन तो दूर वहाँ ख़त भी नहीं पहुँचेंगे अब के ये लोग तुम्हें ऐसी जगह भेजेंगेज़िंदगी देख चुके तुझ को बड़े पर्दे परआज के बअ'द कोई फ़िल्म नहीं देखेंगेमसअला ये है मैं दुश्मन के क़रीं पहुँचूँगाऔर कबूतर मिरी तलवार पे आ बैठेंगेहम को इक बार किनारों से निकल जाने दोफिर तो सैलाब के पानी की तरह फैलेंगेतू वो दरिया है अगर जल्दी नहीं की तू नेख़ुद समुंदर तुझे मिलने के लिए आएँगेसेग़ा-ए-राज़ में रक्खेंगे नहीं इश्क़ तिराहम तिरे नाम से ख़ुशबू की दुकाँ खोलेंगे Read more phone to dur zia mazkoor bahawalpur young poet