phone to dur waha khat bhi nahi pahuchenge.. byZia Mazkoor August 12, 2023 फ़ोन तो दूर वहाँ ख़त भी नहीं पहुँचेंगे अब के ये लोग तुम्हें ऐसी जगह भेजेंगेज़िंदगी देख चुके तुझ को बड़े पर्दे परआज के बअ'द कोई फ़िल्म नहीं देखेंगेमसअला ये है मैं दुश्मन के क़रीं पहुँचूँगाऔर कबूतर मिरी तलवार पे आ बैठेंगेहम को इक बार किनारों से निकल जाने दोफिर तो सैलाब के पानी की तरह फैलेंगेतू वो दरिया है अगर जल्दी नहीं की तू नेख़ुद समुंदर तुझे मिलने के लिए आएँगेसेग़ा-ए-राज़ में रक्खेंगे नहीं इश्क़ तिराहम तिरे नाम से ख़ुशबू की दुकाँ खोलेंगे Read more phone to dur zia mazkoor bahawalpur young poet
isi nadamat se uss ke kandhe jhuke huye hain.. byZia Mazkoor August 11, 2023 इसी नदामत से उस के कंधे झुके हुए हैंकि हम छड़ी का सहारा लेकर खड़े हुए हैंयहाँ से जाने की जल्दी किस को है तुम बताओकि सूटकेसों में कपड़े किस ने रखे हुए हैंकरा तो लूँगा इलाक़ा ख़ाली मैं लड़-झगड़ करमगर जो उस ने दिलों पे क़ब्ज़े किए हुए हैंवो ख़ुद परिंदों का दाना लेने गया हुआ हैऔर उस के बेटे शिकार करने गए हुए हैंतुम्हारे दिल में खुली दुकानों से लग रहा हैये घर यहाँ पर बहुत पुराने बने हुए हैंमैं कैसे बावर कराऊँ जाकर ये रौशनी कोकि इन चराग़ों पे मेरे पैसे लगे हुए हैंतुम्हारी दुनिया में कितना मुश्किल है बच के चलनाक़दम क़दम पर तो आस्ताने बने हुए हैंतुम इन को चाहो तो छोड़ सकते हो रास्ते मेंये लोग वैसे भी ज़िंदगी से कटे हुए हैं-------------------------------isi nadamat se us ke kandhe jhuke hue hainki ham chhaDi ka sahara le kar khaDe hue hain yahan se jaane ki jaldi kis ko hai tum bataoki suitcason men kapDe kis ne rakhe hue hain kara to lunga ilaqa khali main laD-jhagaD karmagar jo us ne dilon pe qabze kiye hue hain vo khud parindon ka daana lene gaya hua haiaur us ke beTe shikar karne ga.e hue hain tumhare dil men khuli dukanon se lag raha haiye ghar yahan par bahut purane bane hue hain main kaise bavar kara.un ja kar ye raushni koki in charaghon pe mere paise lage hue hain tumhari duniya men kitna mushkil hai bach ke chalnaqadam qadam par to astane bane hue hain tum in ko chaho to chhoD sakte ho raste menye log vaise bhi zindagi se kaTe hue hain Read more isi nadamat zia mazkoor bahawalpur young poet
Ab to uske Dil ke andar daakhil hona baki hai.. byZia Mazkoor August 11, 2023 अब बस उसके दिल के अंदर दाखिल होना बाकी है छह दरवाजे़ छोड़ चुका हूं एक दरवाज़ा बाकी हैदौलत शोहरत बीवी बच्चे अच्छा घर और अच्छे दोस्तकुछ तो है जो इनके बाद भी हासिल करना बाक़ी हैमैं बरसों से खोल रहा हूं एक औरत की साड़ी कोआधी दुनिया घूम चुका हूं आधी दुनिया बाकी हैकभी-कभी तो दिल करता है चलती रेल से कूद पड़ूॅंफिर कहता हूॅं पागल अब तो थोड़ा रस्ता बाक़ी हैउसकी खातिर बाजारों में भीड़ भी है और रोनक भीमैं गुम होने वाला हूं बस हाथ छुड़ाना बाकी है Read more ab to uske Dil ke andar zia mazkoor bahawalpur young poet