Dil hosh se begana begane ko kya kahiye.. byWasi Shah November 12, 2024 dil hosh se begana begane ko kya kahiyechup rahna hi behtar hai divane ko kya kahiyekuchh bhi to nahin dekha aur kuuch ki tayyariyuun aane se kya hasil yuun jaane ko kya kahiyemajbur hain sab apni uftad tabiat seho shama se kya shikva parvane ko kya kahiyetujh se hi marasim hain tujh se hi gila hogabegane se kya lena begane ko kya kahiyemaana ki 'vasī'-shah se tum ko hain bahut shikvedivana hai divana divane ko kya kahiye----------------------------------------------दिल होश से बेगाना बेगाने को क्या कहिएचुप रहना ही बेहतर है दीवाने को क्या कहिएकुछ भी तो नहीं देखा और कुछ की तैयारीयूँ आने से क्या हासिल यूँ जाने को क्या कहिएमजबूर हैं सब अपनी उफ़्ताद तबीयत सेहो शमा से क्या शिकवा परवाने को क्या कहिएतुझ से ही मरासिम हैं तुझ से ही गिला होगाबेगाने से क्या लेना बेगाने को क्या कहिएमानां कि 'वसी'-शाह से तुम को है बहुत शिकवेदीवाना है दीवाना दीवाने को क्या कहिए Read more Emotional Turmoil Love and Longing Futility Helplessness Inner Conflict