Farz Karo-Ibn-e-insha.. byIbn-e-Insha August 11, 2023 फ़र्ज़ करो हम अहल-ए-वफ़ा हों, फ़र्ज़ करो दीवाने हों फ़र्ज़ करो ये दोनों बातें झूटी हों अफ़्साने होंफ़र्ज़ करो ये जी की बिपता जी से जोड़ सुनाई होफ़र्ज़ करो अभी और हो इतनी आधी हम ने छुपाई होफ़र्ज़ करो तुम्हें ख़ुश करने के ढूँढे हम ने बहाने होंफ़र्ज़ करो ये नैन तुम्हारे सच-मुच के मय-ख़ाने होंफ़र्ज़ करो ये रोग हो झूटा झूटी पीत हमारी होफ़र्ज़ करो इस पीत के रोग में साँस भी हम पर भारी होफ़र्ज़ करो ये जोग बजोग का हम ने ढोंग रचाया होफ़र्ज़ करो बस यही हक़ीक़त बाक़ी सब कुछ माया होदेख मिरी जाँ कह गए बाहू कौन दिलों की जाने 'हू'बस्ती बस्ती सहरा सहरा लाखों करें दिवाने 'हू'जोगी भी जो नगर नगर में मारे मारे फिरते हैंकासा लिए भबूत रमाए सब के द्वारे फिरते हैंशाइ'र भी जो मीठी बानी बोल के मन को हरते हैंबंजारे जो ऊँचे दामों जी के सौदे करते हैंइन में सच्चे मोती भी हैं, इन में कंकर पत्थर भीइन में उथले पानी भी हैं, इन में गहरे सागर भीगोरी देख के आगे बढ़ना सब का झूटा सच्चा 'हू'डूबने वाली डूब गई वो घड़ा था जिस का कच्चा 'हू' Read more lahore pakisatani urdu poet insha
ek chhota sa ladka tha main jin dinon.. byIbn-e-Insha August 10, 2023 एक छोटा सा लड़का था मैं जिन दिनोंएक मेले में पहुँचा हुमकता हुआजी मचलता था एक एक शय परजैब ख़ाली थी कुछ मोल ले न सकालौट आया लिए हसरतें सैंकड़ोंएक छोटा सा लड़का था मैं जिन दिनोख़ैर महरूमियों के वो दिन तो गएआज मेला लगा है उसी शान से आज चाहूँ तो इक इक दुकाँ मोल लूँ आज चाहूँ तो सारा जहाँ मोल लूँ ना-रसाई का अब जी में धड़का कहाँ पर वो छोटा सा अल्हड़ सा लड़का कहाँ -----------------------------ek chhota sa ladka tha main jin dinonek mele men pahuncha humakta hua ji machalta tha ek ek shai par jaib khali thi kuchh mol le na saka lauT aaya liye hasraten sainkaDon ek chhoTa sa laDka tha main jin dinon khair mahrumiyon ke vo din to ga.e aaj mela laga hai usi shaan se aaj chahun to ik ik dukan mol luun aaj chahun to saara jahan mol luun na-rasa.i ka ab ji men dhaDka kahan par vo chhoTa sa alhaD sa laDka kahan Read more lahore pakisatani urdu poet insha