Iss Se Pehle K Bewafa Ho Jaye.. byAhmed Faraz August 12, 2023 इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँतू भी हीरे से बन गया पत्थरहम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँतू कि यकता था बे-शुमार हुआहम भी टूटें तो जा-ब-जा हो जाएँहम भी मजबूरियों का उज़्र करेंफिर कहीं और मुब्तला हो जाएँहम अगर मंज़िलें न बन पाएमंज़िलों तक का रास्ता हो जाएँदेर से सोच में हैं परवानेराख हो जाएँ या हवा हो जाएँइश्क़ भी खेल है नसीबों काख़ाक हो जाएँ कीमिया हो जाएँअब के गर तू मिले तो हम तुझ सेऐसे लिपटें तिरी क़बा हो जाएँबंदगी हम ने छोड़ दी है 'फ़राज़'क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ-----------------------------------Iss Se Pehle K Bewafa Ho JayeQ Na A Dost Hum Juda Ho JayeTu B Heere Se Ban Gaya PattharHum B Kal Jane Kia Se Kia HojayeTu K Yakta Ta Beshumar HuaHum B Toote To Jabaja Ho JayeHum B Majburiyo Ka Uzr KarePir Kahe Aur Mubtila Ho JayeHum Agar Manzile Na Ban PayeManzilo Takk Ka Rasta HojayeDair Se Soch Mai Hai ParwaneRaak Ho Jaye Ya Hawa HojayeIshq B Khel Hai Naseebo KaKhak Hojaye Keemya HojayeAb K Gar Tu Mile To Hum Tujh SeAise Lipte Teri Qaba HojayeBandagi Hum Ne Chorh Di Hai 'Faraz'Kia Kare Log Jab Khuda Hojaye Read more Isse pehle ki bewafa ahmed faraz urdu poet kohat pakistan