Tarikhio ko aag Lage aur diya jale.. byTehzeeb Hafi August 13, 2023 तारीकियों को आग लगे और दिया जलेये रात बैन करती रहे और दिया जलेउस की ज़बाँ में इतना असर है कि निस्फ़ शबवो रौशनी की बात करे और दिया जलेतुम चाहते हो तुम से बिछड़ के भी ख़ुश रहूँया’नी हवा भी चलती रहे और दिया जलेक्या मुझ से भी अज़ीज़ है तुम को दिए की लौफिर तो मेरा मज़ार बने और दिया जलेसूरज तो मेरी आँख से आगे की चीज़ हैमैं चाहता हूँ शाम ढले और दिया जलेतुम लौटने में देर न करना कि ये न होदिल तीरगी में घेर चुके और दिया जले Read more diya jale tehzeeb hafi urdu poetry andaaz e bayan